शनिवार, 26 अक्तूबर 2019

विज्ञान की दुनिया : देवेन मेवाड़ी

किताब : विज्ञान की दुनिया
लेखक : देवेंद्र मेवाड़ी
प्रकाशक: नवारुण, सी-303, जनसत्ता अपार्टमेंट, सेक्टर- 9, वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद-201012 ( उ.प्र.)
मूल्य: ₹ 150


विज्ञान जैसे दुरूह समझे जाने वाले विषय को अपने सरल, सरस लेखन द्वारा बच्चों और सामान्य पाठकों के बीच लोकप्रिय बनाने में देवेंद्र मेवाड़ी का उल्लेखनीय योगदान है। 
'विज्ञान की दुनिया' की भूमिका में बच्चों को सम्बोधित करते हुए देवेंद्र मेवाड़ी जी लिखते हैं कि "बच्चों के मन में जिज्ञासा जागनी चाहिए ताकि वे प्रश्न पूछें। जो लोग सवाल नहीं पूछते वे कही सुनी बातों पर आँख मूँदकर विश्वास कर लेते हैं।"

इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कुल तीस आलेख संग्रहीत हैं। देवेंद्र जी आदि मानव युग से आरम्भ करते हुए आग की उत्पत्ति, अंतरिक्ष यान और वायुयान जैसे आविष्कारों, ब्रह्मांड, सौरमंडल, मंदाकिनी और प्रकाश वर्ष से जुड़े अनेक तथ्यों पर प्रकाश डालते हैं।
इसी क्रम में धूमकेतु, सुनीता विलियम्स, चंद्रयान, सुरक्षा कवच अर्थात ओजोन की परत, रोबोट, डायनासोर, मनुष्यों के साथ हिल मिल जाने वाले तमाम पशु पक्षियों, कुछ निराले मौसमी पंछियों, कोयल, सारस, दीमक, रंग बिरंगे फूलों, पर्यावरण, आम, त्यौहार और इनसे जुड़े जेवनारों, शैवाल और फफूँदी का संगम-लाइकेन, नीला कुरिंजी, महान खगोल वैज्ञानिकों, परी कथाओं, विज्ञान कथाओं, प्रकृति के कुछ अनसुलझे रहस्यों और आगामी कल की दुनिया जैसे तमाम गूढ़ विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रस्तुत करते हैं। 

4.6 अरब पहले विविध प्राकृतिक तत्वों के संयोग से हुए पृथ्वी के निर्माण की रोचक जानकारी 'कैसे बनी हमारी पृथ्वी' नामक अध्याय में दी गयी है। 'इस धरती का क्या होगा' शीर्षक आलेख में मानव द्वारा पर्यावरण को पहुँचाई जा रही क्षति से अव्यवस्थित होते प्राकृतिक कारोबार पर चिन्ता करते हुए लिखते हैं कि जब यह पृथ्वी रहने योग्य नहीं रहेगी तो मनुष्य और बाकी जीव कहाँ रहेंगे?
'जिन्होंने अंतरिक्ष की राह बनाई' नामक आलेख में मनुष्य से पूर्व अंतरिक्ष में भेजे गए मूक प्राणियों और उपग्रहों से सम्बंधित घटनाओं का संक्षिप्त और मार्मिक वर्णन है।

देवेंद्र मेवाड़ी की भाषा और शिल्प बनावटीपन से दूर बेहद सरल और सम्प्रेषण की दृष्टि से कारगर है। किस्सागोई के अंदाज़ में लिखी गयी यह किताब न सिर्फ़ बच्चों बल्कि विज्ञान की दुनिया को करीब से समझने की इच्छा रखने वाले हर पाठक के लिए उपयोगी है। विषयानुसार प्रयुक्त चित्रों के कारण यह पुस्तक आकर्षक और संग्रहणीय बन पड़ी है। 'नवारुण' की प्रकाशकीय गुणवत्ता भी उच्चस्तरीय है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विरह विगलित कदंब: पुष्पा भारती

विरह विगलित कदंब पुष्पा भारती साहित्य सहवास में चारों ओऱ बड़े करीने से हरियाली उग आई थी। अपनी मेहनत की सफलता पर खुश भी थे भारती जी कि सहसा उ...